SBI CLERK Result Out
SBI CLERK FINAL 2024-25 Result Out - Successful Students Kindly Fill the Form:-
12 Jun 2025 12:06 PM
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1.
अपनी वर्षों को तैयारी को अंजाम देते हुए इजरायल ने शुक्रवार तड़के ईरान पर बड़ा हवाई हमला किया। 'राइजिंग लायन' नाम की इस सैन्य कार्रवाई में इजरायल के 200 विमानों ने ईरान के करीब 100 ठिकानों को निशाना बनाया। हमले में ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान व सैन्य ठिकाने इजरायल के निशाने पर रहे। इन हमलों में ईरान के करीब 20 बड़े सैन्य अधिकारी व परमाणु विज्ञानी मारे गए हैं। केबल तेहरान में 78 लोगों के मारे जाने की सूचना है। मारे गए प्रमुख लोगों में ईरान के सेना प्रमुख जनरल मुहम्मद बाघेरी, वायुसेना प्रमुख आमिर अली हाजीजादेह और इलीट फोर्स इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कार्ल्स (आइआरजीसी) के प्रमुख मेजर जनरल हुसैन सलामी शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह रही कि हमले से पहले इजरायल के खुफिया संगठन मौसाद ने ईरान के ही गुप्त ठिकाने से कम ऊंचाई वाले ड्रोन छोड़कर उनके हमले से ईरान के डिफेंस सिस्टम और मिसाइल लॉचिंग सिस्टम को ध्वस्त कर दिया। इसके चलते इजरायली विमानों को हमलों के लिए ईरान का खुला आकाश मिल गया।
2.
चीन ने अंततः रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति में आ रही बाधा के मुद्दे पर भारत के आग्रह को स्वीकार कर लिया है और इस बारे में बात करने को तैयार हो गया है। गुरुवार को नई दिल्ली में चीन के उपविदेश मंत्री सुन वीडोंग और विदेश सचिव विक्रम मिसरी के बीच हुई बैठक में भारतीय आटोमोबाइल कंपनियों को रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति में आ रही बाधा का मुझ उठा। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में इस बात की तरफ इशारा किया गया है। बयान में रेयर अर्थ मैग्नेट का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया है, पर कहा गया है, 'आर्थिक व कारोबार से जुड़ी आपूर्ति को लेकर खास चिंताओं पर कार्यपरक बात करने की सहमति बनी है।' वार्ता के दौरान दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा को जल्द से जल्द शुरू करने पर भी सहमति बनी है।
3.
पिछले कुछ वर्षों से अपने देश में यह चलन बन गया है कि कोई भी नेता भाषा के बारे में कोई ऐसा बयान उछाल देता है, जिससे हलचल हो जाती है। कुछ दिन मीडिया मंचों से शोरगुल होने के बाद बात थोड़ी सी शांत होती है तो किसी और कोने से कोई और इसे उछाल देता है। तो फिर वही हाय-हाय, वही शोरगुल। सबसे प्रखर हिंदी विरोध के स्वर तमिलनाडु से उभरते हैं और इसकी अनुगूंज कभी 'नम्मा कर्नाटका' से, कभी 'आमची मुंबई' से तो कभी कहीं और से आती रहती है। विरोध के स्वर कहीं उग्र, कहीं तेज तो कहीं उपद्रवी भी होते हैं। पिछले दिनों कर्नाटक में स्टेट बैंक की एक शाखा की हिंदी बोलने वाली अधिकारी और कन्नड़ बोलने वाले ग्राहक के बीच भाषा को लेकर विवाद हो गया। यह मामला शांत होता कि अभिनेता कमल हासन ने तमिल-कन्नड़ विवाद खड़ा कर दिया। इस पर उन्हें हाई कोर्ट से फटकार पड़ी। आमची मुंबई में भी दल विशेष के कार्यकर्ता दुकान पर जाकर धमकाते हैं कि महाराष्ट्र में रहना है तो हिंदी नहीं, मराठी बोली। इसके पीछे मुख्य रूप से होती है ऐसी राजनीति, जो भाषा को परस्पर समानता अथवा एकता का नहीं, वरन आपसी लड़ाई का औजार बनाती है। तमिलनाडु का हिंदी विरोध सबसे पुराना है, लेकिन यह भी साफ है कि उसने कभी त्रिभाषा सूत्र स्वीकार नहीं किया और बिना लाग-लपेट कहता रहा कि उसे हिंदी स्वीकार्य नहीं। इसके पीछे निहित अनेक कारणों में से एक है तमिल स्वाभिमान की अभिव्यक्ति और दूसरा हिंदी विरोध न करने पर राजनीतिक रूप से कमजोर पड़ने का भय, क्योंकि 1967 से हिंदी विरोध के कारण ही वहां क्षेत्रीय दल सत्ता पर बने हैं, वह चाहे डीएमके हो या एआइएडीएमके। हिंदी विरोध के बहाने तमिल अस्मिता को बचाए रखने की बात आम वोटर के भीतर इतनी पैठ गई है कि अब अगर ये दल हिंदी विरोध समाप्त कर लें तो अपने वोट नहीं बचा सकते। तब गद्दी किसी अखिल भारतीय दल के हाथों में जा सकती है।
4.
भारत को स्वतंत्रता के शताब्दी वर्ष 2047 तक एक वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति के रूप में विकसित करने की योजना है। केंद्र सरकार ने इसके लिए इंडस्ट्री कैंपस सहयेग और कौशल नवाचार के दोहरे इंजन द्वारा साधने के लिए एक मजबूत नीतिगत और संस्थागत ढांचा तैयार किया है। चौथी औद्योगिक क्रांति और उससे आगे की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम ज्ञान, नवाचार और मानव श्रम की कितनी अच्छी तरह एकीकृत करते हैं। भारत के वैश्विक विनिर्माण शक्ति बनने की आकांक्षा की प्रमुख बाधा अवसरों की कमी नहीं है, बल्कि जाब-रेडी टैलेंट की कमी है। आज भारत हर वर्ष 15 लाख से अधिक इंजीनियर तैयार करता है, लेकिन कई रिपोर्टों के अनुसार, केवल संख्या बल ही वैश्विक प्रतिस्पर्धा की कसौटी नहीं है। विश्व बैंक की 2024 इंडिया स्किल्स रिपोर्ट बताती है कि एआइ, रोबोटिक्स, क्लीन टेक और इंडस्ट्री 4.0 जैसे उभरते क्षेत्रों में केवल 46 प्रतिशत स्नातक युवा ही जाब-रेडी हैं, जिससे पाठ्यक्रम में बदलाव, अनुभव आधारित शिक्षा और हाइब्रिड स्किल की आवश्यकता स्पष्ट होती है।
5.
सोलर कार यानी सौर ऊर्जा आधारित कार भले आज से कुछ समय पहले तक एक सपना थी, लेकिन अब यह साकार होते दिख रही है। यह बात अलग है कि अभी इसके उपयोग में समय लग सकता है। सोलर कार बनाने की दौड़ में दुनिया के दूसरे देशों की तरह भारत भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके लिए तरह-तरह के प्रयोग कर रहा है। इसे लेकर काफी जोर दिया जा रहा है। इसमें सरकार की तरफ से सब्सिडी मिल रही है। इसी कड़ी में आइआइटी मद्रास के छात्रों ने हाल ही में सौर ऊर्जा से चलने वाली एक अत्याधुनिक सोलर कार का प्रोटोटाइप तैयार किया है, जिसे 'आग्नेय' नाम दिया है। इसका सफल ट्रायल भी पूरा कर लिया है। यह कार आस्ट्रेलिया में होने वाली वैश्विक सोलर कार प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेगी।
6.
शहरों में बुजुर्गों में अकेलेपन की भावना बढ़ी है। एक हाल के सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 54 प्रतिशत बुजुर्ग उम्र बढ़ने को नकारात्मक भावनाओं से जोड़ते हैं, जिसमें अकेलापन (47 प्रतिशत) सबसे सामान्य भावना है। यह अध्ययन हेल्पएज इंडिया द्वारा किया गया है, जिसका शीर्षक है 'इंटरजेनरेशनल डायनामिक्स और परसेप्शन आन एजिंग'। इस अध्ययन ने भारत के बुजुर्गों की भावनात्मक आवश्यकताओं और युवाओं की धारणाओं के बीच के अंतर को उजागर किया है, भले ही परिवार के साथ बातचीत अक्सर होती हो। यह अध्ययन 10 शहरों में 5,798 उत्तरदाताओं के बीच किया गया, जिसमें 70 प्रतिशत युवा (18-30 वर्ष) और 30 प्रतिशत बुजुर्ग (60 वर्ष से अधिक) शामिल थे। रिपोर्ट में शहरी बुजुर्गों को अकेलेपन, डिजिटल बहिष्कार व घटते सम्मान की चुनौतियों का सामना करते हुए दिखाया गया है, जबकि युवा उनकी बुद्धिमत्ता की प्रशंसा करते हैं। यह अध्ययन विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (15 जून) से पहले जारी किया गया था। इसमें शहरी मध्य व निम्न मध्य वर्ग के परिवारों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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